खूबसूरत लम्हे
खूबसूरत लम्हे
किसी एक लम्हे को कैसे कह दूँ खूबसूरत?
तेरी बाँहों में बीता हर एक लम्हा खूबसूरत है।
मेरी सुबह है, शाम है तू,
मेरी साँसों में बहती रवानगी।
तू है तो लगता है, जिन्दा हूँ मैं,
तेरे बिना सुनसान खंडहर सी है जिंदगी।
ऐसा नहीं कि बसंत ही रहा जीवन में,
पतझड़ कभी देखा नहीं।
तेरे प्यार को कसकर सीने में छिपा लिया,
बाहर बहुत कुछ हुआ, पर आंच कभी भीतर तक आने नहीं दी।
तू मेरी आदत है या ज़रूरत, नहीं जानती मैं
तू साथ है, बस जीने के लिए यही ख्याल काफी है।
किसी एक लम्हे को कैसे कह दूँ खूबसूरत?
तेरी बाँहों में बीता हर एक लम्हा खूबसूरत है।