STORYMIRROR

Kajal Mehtani

Romance

3  

Kajal Mehtani

Romance

प्रेम के अक्षांश

प्रेम के अक्षांश

1 min
209

किसी दिन सातों अक्षांशों को 

रख कर 

धरती की गेंद से बिखेर दूंगी 

और तुम्हारी मेरी 

नियति का अहर्निश एक ही अक्ष पर 

घूर्णन करेगा 

संसार के समस्त चक्रवात 

छू भी न पायेंगे 

हमारे प्रेम को 

हमारी आँखों में खिलखिला कर हंसेगा 

अभिमन्यु जीवित 

ईश्वर छिप कर देखेगा 

हमें खेलते प्रेम का सतोलिया 


और एक दिन ईश्वर

स्वयं आयेगा 

कोलंबस बन........प्रेम का देश खोजने 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance