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Pritam Roy

Romance

3  

Pritam Roy

Romance

भटके हुए हम

भटके हुए हम

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मैं मुझे पहचान रहा हूँ, 

अनजान सा मुझको, एक पहचाना सा सुर में।

पता नहीं कि तुझसे प्यार है या नफरत।

इतना फर्क नहीं होता है प्यार और नफरत में,

मुझे खुद को ढूंढने का तू दे इजाजत।

तुझे पा कर, मैं मुझसे मिलना चाहता हूं।



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