खत तेरे नाम का
खत तेरे नाम का
सोचा
खत लिखूं तेरे नाम का
जिसमें खुशबू हो मेरे प्यार की
हमारे इश्क़ के जज़्बात की
वो पहली मुलाकात की...
क्या हसीं शाम थी वो
नज़ारा खुशमिजाज था,
आफताब की रौशनी में
वो तेरा अंदाज़ क्या था !
नज़रें खुशनसीब थीं
जिनको तेरा दीदार था,
हमारे इश्क़ के जज़्बात का
वो पहली मुलाकात की...
सोचा
खत लिखूं तेरे नाम का
जिसमें खुशबू हो मेरे प्यार की....।