गुलाब
गुलाब
मैं वो गुलाब
जिसमें तेरे बिन खुशबू नहीं...
तेरे बिन गुलशन नहीं,
प्यार क्या एहसास क्या...!
तेरे बिन मौसम नहीं...
मैं वो गुलाब
जो तुम बिन बेगाना है,
कांटो का बस ढांचा है,
इजहार क्या इकरार क्या...!
तेरे बिन जीवन नहीं,
मैं वो गुलाब
जिसमें तेरे बिन खुशबू नहीं...