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Pratiksha Rani

Tragedy

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Pratiksha Rani

Tragedy

क्यों...?

क्यों...?

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क्यों साज करूं श्रींगार करूं..?

किस बात का व्रत उपवास करूं..?

हरी चूड़ियों का शौक नहीं,

अब सावन से भी मोह नहीं,

क्या मेेेरा कोई अस्तित्व नहीं..?

क्यों मुझको कोई मान नहीं..?

तुम हर बार मुझे दुुत्कार करो

क्यों मैं ही हर पल प्यार ‍ करूं..??


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