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Bhavna Thaker

Tragedy

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Bhavna Thaker

Tragedy

ढूँढ लेना मुझे

ढूँढ लेना मुझे

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बस एक ही पहचान है मेरी

कुछ कुछ असर छोड़ जाऊँगी 

कलम की नोक पर बैठे अल्फाज़ 

मेरे अपने एहसासों की आवाज़ है


पन्नों की महक में सिमटा मेरा

अस्तित्व पढ़ लेना 

जब कभी मैं ना रहूँ

सताए जो कभी याद मेरी


वैसे  

मुझसे वाबस्ता तुम्हारी कोई 

और चाह तो नही फिर भी

मैं कुछ और ना सही 

एक नाम तो हूँ 


कहीं मिलूँ ना मिलूँ

मेरी कविताओं में नज़र आऊँगी 

तुम्हारे प्रति चाहत के

भिन्न भिन्न रंग में बिखरी


गूँजते होंगे मेरे बोल हर पन्नों पर 

रूठते रिसते मनाते 

तुम्हारी शख़्सीयत को सँवारते

किसी दिशा से कोई शायद गुनगुनाए 


मेरी उस कविता में मुझको ढूँढ लेना

समझ लूँगी 

किसी और जहाँ में बैठे भी

सार्थक रहा मेरा लिखना

इतना तो यकीन है मैं रहूँ ना रहूँ 

लिखावट में मेरी महक तो रहेगी


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