डायरी में सारे पन्ने कोरे थे..
डायरी में सारे पन्ने कोरे थे..
मेरी दिल कि डायरी में
सारे पन्ने कोरे थे
बस एक उसके नाम के शिवाय
औऱ वो बेहया,बेशरम,बेवफा
मेरे साथ कर रही थी,एन्जॉय
मैं उसे सच्चे दिल से चाहता था
उसपे ये जान भी क़ुर्बान थी
क्या मक़सद था उसका,
क्यूँ किया ऐसा
उसके ज़ख्म भरे नहीं,
आज भी घाव का निशान देखकर,
तन्हाई में हम रोते थे
मेरी दिल कि डायरी में
सारे पन्ने कोरे थे !
क्यूँ मिलता हैं, इतना गम
किसी को दिल से,
चाहने से !

