तुम बहु हो
तुम बहु हो
छोड़ के अपना घरबार
दूजे के घर में बसना है
अल्हड़ सी उस लड़की को
दफना कर गंभीर अब बनना हैं
भुला के सारी बेपरवाही
समझदारी दिखलाना हैं
बेटी थी तुम उस घर की
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
नींद ना हो अब तुमको प्यारी
सुबह सें शुरू करो तैयारी
किसकी क्या हैं पसंद ये जानो
हर किसी को अपना मानो
तुम्हारी पसंद का यहाँ तुम्हें
अब क्या करना हैं,
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
ननद को बनाओ बहन सी प्यारी
देवर सें ना बढ़ाओ यारी
जेठ जी को दो सम्मान
सास ससुर की सेवा में
लगाना हैं अब सारा मान
तुम्हारे घर वालों की यादों
यहाँ नहीं कोई कोना हैं
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
सारे काम तुम्हारे जिम्मे
वो भी मुस्कुरा कर करना हैं
ना नुकुर जो की कभी तो
माँ पिता के ताने सुनना हैं
जो ना रखी किसी की बात
हजारों बातें सुनना है
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
दहेज अगर लें आयी हो
नज़रों में सबकी समायी हो
थोड़े दिनों में जो हो खत्म सब
वापस वही सब भरना हैं
लालची लोगों के चढ़ी जो हत्थे
सूली तुम्हें ही चढ़ना है
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
जो हुयी हूर की परी
तो भी काम करना हैं
ठीक ठाक सी हो सूरत तो भी
तानो सें कान भरना हैं
जो हो रूप के दीवाने सब
तुम्हें तिरस्कार सहना हैं
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
ससुर जो बनाये
ना तुम्हें ज़वाब देना हैं
सास को गलतियों का
ना तुम्हें हिसाब देना हैं
सब कुछ चुप चाप सुनना
किसी सें कुछ ना कहना हैं
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना है
करें जो गलती कोई भी
तुम्हें ही सुधारना हैं
वरना उसका ठीकरा भी
तुम्हारे माथे फूटना है
कौन पूछे क्या सही गलत
सब इल्ज़ाम तुम पर लगना हैं
इस घर की तुम बहु हो
अब तुम्हें सब समझना हैं.