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Brijlala Rohanअन्वेषी

Drama Others

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Drama Others

बेहल सवाल

बेहल सवाल

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जब भी कुछ करने की सोचो,

आता है ज़ेहन में एक अनगढ़ बेहल सवाल।

लोग क्या कहेंगे ?

यदि ऐसा कर देंगे तो चार लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे?

अरे साहब ! लोगों का तो काम ही है सोचना,

चाहे आप कुछ करो या कुछ ना भी करो,

लोग फिर भी कहेंगे।

चाहे आप अच्छा करें या बुरा,

चाहे आप किसी की मदद करें या उनको लूट लें,

चाहे आप किसी को ठग लें या खुद ठगा जायें।

लोग फिर भी आपको कुछ -न - कुछ कहेंगे ही ,

क्योंकि लोगों का काम ही है कुछ- न- कुछ कहना।

चार दिन की जिंदगी मिली है इसे लोगों को खुश रखने में यूं ही बर्बाद नहीं है करना।

खुल कर जीनी है जिंदगी अपनी,

क्योंकि जिंदगी के साथ लोगों को नहीं तुझे ही है साथ रहना।

तुझे ही हर बाधाओं सामना है करना।

आपके सुख- दुख से लोगों को थोड़े ही फर्क पड़ता है !

लोग तो बसे हुए घर भी चाहते हैं उजड़ते हुए देखना।

तो फिर त्याग दीजिए अपने दिल से ये बेहल सवाल कि,

लोग क्या कहेंगे ?

लोगों का तो काम ही है कहना।

इन्हें दरकिनार करते हुए अपनी अन्तरात्मा की आवाज़ की धारा में

 सतसतत् है बहते रहना।



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