याद..
याद..
याद आती है याद आती है
याद खुश करती है हम सबको दुख देती है।।
कभी एहसास अच्छे का कराती है
तो कभी रुला जाती है।।
हम और आप उसी यादों के
सहारे ही बसे हुए हैं।।
कहीं न कहीं उसी के किनारे बसे हुए
उसी को देखते रहते हैं।।
कभी तुम्हारे लिए तो कभी अपने लिए
उसी का महल बुनते हैं।।
राजा हो या रंक हो सभी को याद आती है
कभी बिछड़े जमाने की बात याद आती है।।
आओ हम सब मिल जाएं
उन्हीं यादों को फिर से याद कर जाएं।।
राम भी याद कर रहा हैं
उन्हें यादों की खोज कर रहा हैं।।
