इज़हारे मोहब्बत....
इज़हारे मोहब्बत....
कैसे करूं इज़हारे मोहब्बत, की पहली बार है।
क्या कहूँ दिल की हालत, की पहली बार है।
उड़े-उड़े से हैं होश, ख़्वाहिशें भी बेलगाम हैं,
जाग रहा हूँ रातों को, दिल भी बेकरार है।
कैसे करूं इज़हारे मोहब्बत, की पहली बार है।
सुना था इश्क नशा है, आज महसूस कर लिया,
आज हसीन निगाहों से, जाम मैंने पी लिया।
जाने क्या हुआ है, एक जादू सा मुझपर,
लब पर उसका ही नाम, आँखों में उसका रुखसार है।
कैसे करूं इज़हारे मोहब्बत, की पहली बार है।
सोचा न था ये रुत्त, कभी इतनी रंगीन होगी,
बिन ख्वाबों के भी रात, कभी इतनी हसीन होगी।
उन आँखों की चंचल, चमकती बिजलियाँ क्या कहूँ,
और लबों के तबस्सुम पर, हुआ दिल निसार है।
कैसे करूं इज़हारे मोहब्बत, की पहली बार है।