STORYMIRROR

Goldi Mishra

Drama Romance

4  

Goldi Mishra

Drama Romance

तेरा वो खत

तेरा वो खत

2 mins
307


तेरे सवाल का बस इतना सा जवाब है,

ना पहले से रहे हम तुम ना पहले जैसे अब हालात है।।

करा था इंतजार तुम्हारा,

आज भी है इन आंखों में खुमार तुम्हारा,

ना भूल सके ना शायद भूल पाएंगे,

हम दो किनारे है जो मिन्नतों बाद भी ना मिल पाएंगे।।

तेरे सवाल का बस इतना सा जवाब है,

ना पहले से रहे हम तुम ना पहले जैसे अब हालात है।।


हमारे जुदा रास्ते कभी ना होते,

अगर तुम मेरे हाथों को थामे साथ चले होते,

तुम अपनी धुन में थे और मैं इश्क के साज में भीगी थी,

तुम्हारे साथ अपनी एक अलग दुनिया मैंने बुन ली थी।।

तेरे सवाल का बस इतना सा जवाब है,

ना पहले से रहे हम तुम ना पहले जैसे अब हालात है।।

कमज़ोर थी डोर वो जो हमारे दरमियाँ थी,

एक ही झटके में रिश्ते की माला बिखरी थीं,

समेटती हूं आज भी उन बिखरे मोतियों को और खुद को,

जग से छुपाती हूं तेरी दी उन निशानियों को।।

तेरे सवाल का बस इतना सा जवाब है,

ना पहले से रहे हम तुम ना पहले जैसे अब हालात है।।


तेरे दिए हर खत को मैं आज भी चूमती हूं,

उन पन्नों पर उतरी स्याही से हजारों सवाल मैं पूछती हूं,

झूठा सा लगता है तेरा वो साथ और झूठे से तेरे खत लगते है,

मेरी आंखों से बरसते ये आंसू अजीब से सवाल आज कल मुझसे करते है,



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama