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Vishal Bhatt

Drama Romance Others

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Vishal Bhatt

Drama Romance Others

इश्क

इश्क

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प्यार का आलम ये है कि दिल बीमार है,

और हाकिम के पास इलाज ही नहीं है।

दिल के पास सुकून नहीं है,

रात को नींद नहीं तो दिन को चैन नहीं है।


मोहब्बते -ऐ-राज किसको सुनाऊँ जिधर देखो कत्ल-ऐ-आम बैठे है,

ये दर्द -ऐ-दास्तां किसको सुनाऊँ जिसको देखो मुझसे ज्यादा बीमार बैठे है।


ये इश्क -ऐ-तलब बुझती नहीं बुझाने से,

तकलीफ तो होती है मगर रुकती नहीं पहरे लगाने से।

तरस रहे है कब से की एक दीदार हो जाये लेकिन।

ये जो इश्क के दुश्मन है बाज नहीं आते पहरे लगाने से।


गिरा दे दीवार नफरतों की ये ग़ालिब,

ये इश्क का रंग है जो सब पर नहीं चढ़ती ।

चढ़ा जो रंग इश्क का किसी के ऊपर,

जहां के सारे रंग कितने भी रंग हो फिर नहीं चढ़ती।


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