STORYMIRROR

Vishal Bhatt

Others

4  

Vishal Bhatt

Others

कोई और था

कोई और था

1 min
391

बेपनाह मोहब्बत का कुछ इस तरह हुजूम था

की मैं उसके बांहों में और दिल में कोई और था

इश्क मोहब्बत बाते है इसमें मदहोश ना होना हैं

उपर से मेरे लिए प्यार और अंदर बैठा कोई और था। 


इस दोमुखी के दुनिया में जरा चलना संभल कर मेरे दोस्त

क्योंकि मैंने देखें हैं सामने कुछ और पीछे कोई और था। 

कहते थे निभायेंगे तेरा साथ हर कदम और हर मोड़ पर

लेकिन बाद देखा साथ निभाने के लिए उसके पास कोई और था। 


कसमें वादे सब खाये मेरे नाम पर

लेकिन उन कसमों को निभाने के लिए उसके पास कोई और था

बहुत सहे इस बेवफाई का आलम मेरे दोस्त

उसके पास कई और मेरे पास कोई और न था। 


Rate this content
Log in