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Vishal Bhatt

Abstract

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Vishal Bhatt

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हे याम

हे याम

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हे श्याम सुना है मैने, तू बंसी खूब बजाया करता है।

यही सुनने को मेरा भी जी बहुत अकुलाता है।

सुना है तूने बंसी के धुन पर सारा मथुरा नचाया है,

मेरा जी भी तेरी बंसी के धुन पर नाचने को करता है।


किया प्यार तूने जो राधिका से,

वही प्यार मुझे तुमसे करने को करता है।

माखन खाये, मिशरी खाये, मटकी को भी फोड़ दिया,

अपने हाथों से कन्हैया तुम्हें भोग लगाने को जी करता है।


सुना है तुमने पापी कंस को मारा था,

आज ना जाने कितने कंस इस धरती पे मड़राते है।

इन सबको मारने को हे कन्हैया बोलो कब तुम आओगे,

इस धरती को फिर कब पाप मुक्त बनाओगे।

 



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