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Kanchan Prabha

Drama

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Kanchan Prabha

Drama

अभी बाकी है

अभी बाकी है

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अभी बाकी है

देश बदल रहा है फिर भी

बहुत बदलाव अभी बाकी है

घर के बाहर कदम रखे तू

नजरिया बदलनी बाँकी है

छूने को तू तत्पर आसमान


पर कितने पतंग लुटने बैठे

कहती आज तु मर्द से आगे

क्यो आँखो में समंदर अभी बाकी है

देश बदल रहा है फिर भी


बहुत बदलाव अभी बाकीकी है

अकेली महिला को सड़क पर

आधी रात को चलना बाँकी है

महिला दिवस हर वर्ष मना कर

देश बदल नही सकता है


महिला का सम्मान सीख कर

काला हृदय बदलना बाकी है

देश बदल रहा है फिर भी

बहुत बदलाव अभी बाकी है।


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