दोस्त वहीं जो......
दोस्त वहीं जो......
दोस्त वहीं जो,
कड़ी धूप में छांव बने,
हर छांव में घाव भरे,
हर घाव में दोस्ती का प्यार भरे।
दोस्त वहीं जो,
डुबी कश्ती में नाव बने,
हर मंजिल में पतवार बने,
उस पतवार में समाधान बने।
दोस्त वहीं जो,
रोते चेहरे में मुस्कान भरे,
हर मुस्कान में खुशियां ही भरे,
हर खुशी में अपनेपन का एहसास भरे।
दोस्त वहीं जो,
खोते बचपन की मिठास भरे,।
हर मिठास में जोश भरे,
हर जोश में होश भरे।
दोस्त वहीं जो,
आंखों को पढ़ता हो,
हर लफ़्जों में एहसास भरे,
हर एहसास में जीवन को महकाता हो।
दोस्त वही जो,
दोस्त की कीमत करता हो,
उस कीमत में भावों को रखता हो,
उन भावों में अपनापन रखता हो।
दोस्त वही जो,
बिना शर्त मिलता हो,
हर मिलन में हर्ष से खिलता हो,
हर हर्ष में हर्षित होता हो।