एक कहानी लिखी मैंने
एक कहानी लिखी मैंने
एक कहानी लिखी है मैंने,
दो पक्ष लिखे हैं कहानी में....
एक पक्ष तुम्हारा लिखा है,
तुम्हारी सारी ख्वाहिशें लिखी है,
और सब कुछ हासिल लिखा है।
दूसरा पक्ष अपना लिखा है,
अपनी सारी कसमें लिखी है,
और सब मुकम्मल लिखा हैं ।
पहले हिस्से में सच लिखा है,
दूसरे हिस्से में जो हो सकता था,
सिर्फ वो लिखा है।
एक तीसरा पक्ष भी लिखा था मैंने,
मगर उसको कूड़ेदान में फेंक दिया है....
उसको पढ़कर शायद तुम्हें,
खुद से नफ़रत हो जाती....
उस तीसरे पक्ष में पूरा सच लिखा था मैंने,
तुम्हारे और मेरे सच से बहुत अलग,
हमारा सच लिखा था मैंने....
एक कहानी लिखी है मैंने,
सिर्फ़ दो ही पक्ष लिखे हैं कहानी....