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Goldi Mishra

Drama

4  

Goldi Mishra

Drama

कभी तू और मै

कभी तू और मै

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कभी तू और मैं

कभी बेहद थे करीब जो,

अब अजनबी है वो।


रास्ते पर यूं ही टकरा गए थे हम उनसे,

देखते देखते दूर हो गए हैं हम उनसे,

बेरुखी से भरी अब मुलाकाते होती है,

कहने को बातें हज़ारों है पर

दर्मियान ख़ामोशी होती है।


कभी बेहद थे करीब जो,

अब अजनबी है वो।

रोज़ उन्हे बस दूर से ही निहारा करते हैं,

आहिस्ता आहिस्ता खुद को संभाला करते हैं,


ये सब क्यों और कैसे हुआ,

रब ही जाने कब तेरा जहान सवरा

कब हमारा आशियना था उजड़ा।

कभी बेहद थे करीब जो,

अब अजनबी है वो।


जीने का सलीका

सीखते सीखते जीना आ गया,

पराया कह कर जिससे दूर थे भागते

वो दर्द अब अपना सा हो गया,

शिकायत कोइ तुझसे नहीं,

अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई।


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