वो रहते है आसमान में
वो रहते है आसमान में
वो रहते हैं आसमान में...
हम ज़मीन पे बसना चाहते हैं!
कई आलिशान मकान उनके अपने हैं...
हमारे भी एक छोटा सा घर बनाने के सपने हैं!
उनकी काबिलियत के बारे में लोग उनसे कहते हैं...
कुछ असफलताओं का बोझ लिए हम रोज़ लोगों के ताने सहते हैं!
दर्जनो दोस्त उनके साथ जब वो किसी बात पे रोते हैं...
गिरते नहीं तो क्या, आँखों में आंसूं तो हमारे भी होते हैं!
हज़ारों लोग उनकी सुंदरता पे यूँ मरते हैं...
आइने में बार -बार देख के खुद को ही हम खुश करते हैं!
खुली हवाओं में रोज़ वो बेझिजकः उड़ान भरते हैं...
ज़मीन पे सतर्क चलते हुए गिरने से हम रोज़ डरते हैं!
उनके कई सपने हर दुसरे दिन हकीकत में बदलते हैं...
हम अपने कुछ सपनो को लिए, साल - दो साल उम्मीद में चलते हैं!
अपने चाहने वालों के साथ वो काफी समय बिताते हैं...
हम भी अपने किसी दोस्त से कभी दो बातें करना चाहते हैं!
कभी साल में दो -चार बार हमे वो याद किया करते हैं...
हम भी अपने सपनो में हर रोज़ उनसे बात किया करते हैं!
वो हमारे लिए अपने प्यार को एक पुराण किस्सा बताते हैं...
हमारा ही दिल कमज़ोर हैं जो हम आज भी उनको चाहते हैं।

