मोहब्बत से आखिरी मुलाक़ात
मोहब्बत से आखिरी मुलाक़ात
सफ़र अनजाना सा हमसफ़र भी अनजान
सड़कें थी भीड़ सी गंतव्य था गुमनाम
हमारी मुलाक़ात भी कुछ यूं हुई
बातें लबों से कम एहसासों में ज्यादा हुई
बातों की आड़ में तुमने कुछ ऐसा पूछ लिया
सीधे थे शब्द पर मतलब कुछ अलग बना दिया
शब्दों की हेरा फेरी में तुम व्यस्त थे
हम तो बस गुत्थी सुलझाने में लगे थे
पहेली सी बन गई थी घड़ी
मुश्किल सी लगने लगी थी वो कड़ी
वक़्त गुज़रा फिर कुछ सवाल जवाब से
वो पल तय कर रहा था सफ़र कई ख्वाबों से
एक क्षण तो लगा बस यह यहीं खत्म हुआ
पर जान में तो जान तब आई जब सफ़र थोड़ा लम्बा हुआ
रेत के फिसलने की तरह वक़्त कब जाने बीत गया
ना उन्हें खबर थी ना मुझे पता चल पाया
खैर ! हम खुश थे उस हर एक पल में
जी रहे थे हर पल को जैसे ना मिलेगा मुझे ये मेरे कल में
सफ़र के बाद भी बातें मुलाकातें हुई
संग हर पल बिताने की रस्में कस्मे भी खाईं
मिलने लगे थे गुनगुनाने भी लगे थे
पल गम का था या खुशी का बस हम संग जीने लगे थे
जहां ख्वाब देखे थे जीवन संग बिताने के
वो हकीकत में बदल रही थी सामने आंखों के
विश्वास ना हुआ जब तुम्हें अपने इतने पास पाया
होश तो तब आया जब मेरी मांग में तुमने सिंदूर सजाया
गूंज रही थी आवाज़ हर ओर से खुशियों की
हवा भी गुनगुना के बधाइयां दे रही थी मिलन की
छिप छिप के मिलने की ऋतु अब खत्म हुई
बातें थी जो अधूरी वो अब पूरी हुई
बूंदें बरसते देखा, भीगे हम साथ बरसातों में
बर्फ का गिरना देखा साथ ठंड भरी रातों में
बस हर पल हर मौसम यूं गुजरता गया
बीतते लम्हों में हमारा प्यार ज़रा जरा बढ़ता गया
जो ख्वाबों में ना सोचा था वो वक़्त सामने खड़ा था
मिलन के उस पर्व में अब जुदाई का रंग चढ़ा था
क्या हुआ ! क्यू हुआ ! समझना मुश्किल हो गया था
जवाब ढूंढ़ने में ही आखिरी वक़्त सामने आ चुका था
हाथ छूट रहा था साथ खत्म हो रहा था
रूह कांप रही थी दिल धड़कना भूल चुका था
बस कुछ ही पलों में सब कुछ खोने जा रहा था
शरीर मेरे सामने था पर साया उस पार जा चुका था
कैसे हुआ ये क्यों किया तुमने ऐसा
साथ ना छोड़ोगे कहकर बीच में ही दगा किया क्यों ऐसा
क्यों अधूरी रही ये मोहब्बत
क्यों रब ने मुकम्मल ना की मेरी इबादत
मुलाक़ात मोहब्बत इबादत सब अधूरी रह गई
बस ये सोचते सोचते ही मेरी रूह भी मुझसे बीछड़ने लग गई
जो मोहब्ब्त - जो मुलाक़ात अधूरी थी
अब वो वहां पूरी होने वाली थी
मोहब्बत यूं कैसे खत्म होने वाली है !
बहुत जल्द मेरी तुम्हारी अधूरी मोहब्बत से
आखिरी मुलाक़ात होने वाली है।