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Birendra Nishad शिवम विद्रोही

Drama

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Birendra Nishad शिवम विद्रोही

Drama

दबाव में पुरुष

दबाव में पुरुष

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दबावों का मारा पुरूष बेचारा

माँ की कोख में आने से पहले

दबाव, पुरुष होने का।


बचपन में दबाव हर विषय में

शत प्रतिशत लाने का

माँ बाप की ख्वाहिशों का बोझ

डॉक्टर इंजीनियर बन जाने का।


पर कोई दबाव नहीं

अच्छा इंसान बन जाने का

जवानी में दबाव एक लड़की

के हर धड़कन में अपना ही

नाम लिखवाने का।


फिर बाप की उम्मीदों में

खरा उतरने का

उनके रिटर्न्स का भुगतान

करवाने का।


फिर उस लड़की के ख़्वाब

में कभी न आने का

और पत्नी बनकर आयी

लड़की के प्यार पाने का।


पत्नी को प्यार करे तो

माँ चिढ़ जाती है

माँ की बात माने तो

पत्नी लड़ जाती है।


पुरुष के ऊपर दबाव

दोनों में सामंजस्य बिठाने का

जैसे जैसे समय बढ़ता है

उसके ऊपर दबाव बढ़ता है।


बीबी को कलर टीवी तो

बेटे को अपाचे दिलाने का।


बेटी को पढ़ा-लिखाकर

उसके शादी के लिए

दहेज जुटाने का

और उसका घर बसाने का।


पुरुष के जीवन मबहुत दबाव है.......

ें दबाव


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