चतुराई
चतुराई
कैसी
विडंबना
हमारे देश
की है ?
दलितों को
पीट कर
कहते हैं
हम तो उनके
रक्षक हैं !
मंदसौर में भी
मुस्लिम
महिलाओं
पर कहर टूटा,
दोषी कन्नी
काट गए
कहते हैं कोई
और भक्षक हैं !
हम करते हैं
अपनी मनमानी
और दोष
दूसरे पर
मढ़ देते हैं !!
देश का
अहित
क्यों ना हो
हम चतुराई
से कोई नयी
नीतियाँ
गढ़ लेते हैं !
