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डॉ. प्रदीप कुमार

Thriller

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डॉ. प्रदीप कुमार

Thriller

चलो फ़िर इक खता करें

चलो फ़िर इक खता करें

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चलो फिर इक खता करें, 

इंसान होने का हक अदा करें, 

कौन है अपना पता करें, 

उनसे ही बस वफ़ा करें।

गौर न करें अफवाहों पर, 

झूठ को न हवा करें, 

सच के साथ हैं आप अगर, 

सच के लिए खुद को फना करें, 

हाथ मिलाए गर कोई तो लगकर गले हंसा करें, 

जो हाथ लगाए कोई तो हाथ काट रफा-दफा करें।

ज़ख्मी हो गर आपसे कोई आप ही उसकी दवा करें,

भला सबका ऐसे करें कि आपका भी सब भला करें।

आप हमारे हो जाएं, हम आपके हुआ करें, 

दिल में जो भी नफ़रत है, उसे धुआं-धुआं करें, 

खाक में मिल जाना है इक दिन, 

चाहे जितना मना करें, कर्म करें सभी ऐसे कि हर इक दिल को छुआ करें।


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