वो चेहरा
वो चेहरा
प्यारा बाल घर पे आया, जन को लुभाया,
रोता तो रोते थे, कभी उसने बहुत हँसाया।
चला गया वो भी एक दिन, भुला न पाते,
जब बच्चों को देखते, वो बच्चा याद आता।।
फूल सा चेहरा कभी कभी मन को लुभाए,
आओ अपनी दिनचर्या, सबको बड़ा बनाये
मिला नहीं बिछुड़ गया, याद आता है भारी,
वो चेहरा मासूम था, सभी उसे गले लगाये।
चेहरे से होती पहचान, चेहरा बढ़ाये शान,
चेहरे के सामने तो, फीका लगता है जहां।
कभी कभी चेहरा, भूल नहीं पाता इंसान,
कभी कभी सुंदर चेहरा, देता वो भगवान।।
दोस्त हमारा प्यारा था, चेहरा था सजीला,
बातें उसकी प्यारी लगे, नेत्र उसका गीला।
बिछुड़ गया एक दिन, याद आता वो चेहरा,
कैसे भूले उस चेहरे को, अजब नखरीला।।
हसीन सूरत प्यारी थी, वो राज दुलारी थी,
गरीबी ने साथ दिया, वो वक्त की मारी थी।
भूखी मरती चली गई, क्या हसीन चेहरा,
लगता थी कि देवता भी, देते आये पहरा।।
नेता का वो चेहरा, मोह लेता था जन को,
जीत चहूँ ओर होती, घूमे जब अगहन को।
बुजुर्ग हो गया और चला गया, याद आए,
लाख भुलाना चाहते, भुला नहीं हम पाये।।
प्रेमिका का चेहरा देख, आवेश में प्रेमी,
गलियों के चक्कर काटे, बनकर वो बहमी।
उसको तो याद आए, बस वह इक चेहरा,
प्रेमिका का चेहरा देखने, करे गहमागहमी।
बिछुड़ गई वो भार्या, चेहरा आता याद,
कोई मिला दे उससे, यही है फरियाद।
वो चेहरा बड़ा निराला लगता था प्यारा,
चली गई छोड़कर, आती उसकी याद।।