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SIDHARTHA MISHRA

Abstract Thriller

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SIDHARTHA MISHRA

Abstract Thriller

रंग बरसे होली है

रंग बरसे होली है

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पेड़ अपने अंकुर के साथ मुस्कुराते हैं

 कोमल पत्तियों और खिलने वाले फूलों की,

 अपनी क्षणिक अभिव्यक्ति के साथ शाश्वत प्रकृति।

 परमानंद और आनंद के साथ वसंत ऋतु!

 बहुत सारे रंग के साथ चमकदार रंगों।

 सुंदरता और महानता की भूमि,

 भारत, खुशी और शांति का रंग।

 राष्ट्र भावना का आनंद लेने के लिए जिंदा आओ

 रंग का उत्सव- होली!

 सामग्री, सद्भाव और खुशी का अनुभव।


 उल्लास और उमंग के बीच होलिका जलती है।

 प्रेम और भक्ति से बुराई पराजित हो जाता है ।

 'रास लीला' - राधा और कृष्ण की एक स्थायी प्रेम गाथा।


 गुलाल - लाल, हरा, नीला, पीला और अनगिनत।

 एक दिन कैनवास - रंगों से भरा हुआ   ।

 जीवंत भीड़ यहाँ और यहाँ चल रही है,

 रंगों के इंद्रधनुष, हर नुक्कड़ और कोने से आ रहा है ।


 रंगों के चमत्कार पर हर्ष।

 चमक और उल्लास से भरा दिन,

 हमारे सपनों को पूर्ण करने के लिए एक दिन-

 जीवंत उन्माद रंगों की बौछार के साथ।

 होली है! मस्ती और मनमोहक झरने की बहार !!


रंग बरसे होली है! चलो होली मनाते हैं!! 

आइए सभी गलतफहमियों को भूल जाएं, 

और पूरे धूमधाम के साथ होली मनाएं ।


अलग-अलग लोग अलग-अलग रंग, 

लेकिन एक उत्सव की बधाई! 

 मुबारक हो सबको ये रंगीन वाला होली ।


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