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Kishan Negi

Abstract Romance Thriller

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Kishan Negi

Abstract Romance Thriller

गुनाह तो होने दीजिए

गुनाह तो होने दीजिए

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इससे पहले कि कोई सजा मुकर्रर करो 

कोई खता कोई गुनाह तो होने दीजिए

हमारी मौत का सामान भी बाँध लेना तुम

मोहब्बत में पहले तबाह तो होने दीजिए 


तुम इंतज़ार करना लौटकर आऊंगा ज़रूर

इक बार मोहब्बत की शाम तो होने दीजिए

दिल की बेताबी को जुबां पर लाने से पहले

जहाँ में हमारे चर्चे सरेआम तो होने दीजिए


हवाओं में बलखाती जुल्फें भी समेट लेना 

काले बादलों से मुलाकात तो होने दीजिए 

दर्द भरी दास्तान जो कहनी थी कह लेना

नयनों से रिमझिम बरसात तो होने दीजिए 


वादा है तुमसे मिलने भी ज़रूर आयेंगे हम

अपने शहर में कोई अपना तो होने दीजिए

हर रात गहरी नींद में तुझसे मिलने आऊंगा 

इसकी हक़ीक़त को सपना तो होने दीजिए


उछलकर बाहों में समाने की तमन्ना है आज 

पहले अपने पांवों पर खड़ा तो होने दीजिए

अभी नादान है दिल कुछ समझता नहीं है

इश्क की छांव में थोड़ा बड़ा तो होने दीजिए।


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