STORYMIRROR

Diwa Shanker Saraswat

Inspirational Thriller

4  

Diwa Shanker Saraswat

Inspirational Thriller

मैं लिखना चाहता हूँ

मैं लिखना चाहता हूँ

1 min
564


मैं लिखना चाहता हूँ

गम की परछाइयों को

छल की दास्तानों को

मरुभूमि की प्यास को,

मैं लिखना चाहता हूँ

कटे पंख परिंदों की बेबसी को

भुखमरी और लाचारी को

विषधरों की ताजपोशी को,

मैं लिखना चाहता हूँ

ऊंच नीच के पाटों में दम तोड़ती

महजब, जाति के फंदे पर झूलती

अधूरी प्रेम कहानी,

मैं लिखना चाहता हूँ

कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार

जिम्मेदार कर्माचारियों की

दास्तान ऐ उत्पीड़न,

मैं लिखना चाहता हूँ

उस पांचाली की व्यथा

पंच शक्तिशाली पतियों की भार्या

आबरू रक्षण को पुकारती श्याम को,

मैं लिखना चाहता हूँ

रणभूमि में गिरे टूटे पहिये की व्यथा

सात महारथियों से घिरे पार्थसुत का

अबलंबन अंतिम,

मैं लिखना चाहता हूँ

धरा की त्रास

पालीथीन दैत्य से दम तोड़ रही

निज संतान की करनी भुगतती बेबस मां,

मैं लिखना चाहता हूँ

गहरे जख्मों की कहानियाॅ,

भूलती नहीं जो

रक्त विंदुओ में समायीं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational