जादू
जादू
कुछ किरदार तिलिस्मी होते हैं।
अपने आसपास एक जादू बना के रखते हैं।
जादू .......झूठ का।
जादूगर की तरह अपने करतब दिखाते हैं।
हमारे दम से ही चल रहा है सिस्टम
खुद को सिस्टम का पहिया बताते हैं।
यह किरदार चाहे खुद छोटे ही आकार में पाये जाते हैं।
लेकिन बड़ी-बड़ी फाइलों और ओहदे को,
पलक झपकते गायब कर खा जाते हैं।
कुछ किरदार तिलिस्मी होते हैं।
अपने आसपास एक जादू बना के रखते हैं।
हर दिशा में इनके मुंह, कान और आंख होते हैं।
मतलब की जमीन पर यह आत्मसात होते हैं।
इतने मीठे..... कि बस अपने प्रतीत होते है।
अपनी चालबाजियों से सबके करीब होते हैं।
कुछ किरदार तिलिस्मी होते हैं।
अपने आसपास एक जादू बना के रखते हैं।
अपने जादू से यह मुंह से झूठ के ऐसे ताने निकालेंगे।
आपके सच को गायब कर अपनी जेब से निकालेंगे।
आपको काटकर अपनी चालों से,
सारी गलतियां आपकी गिनवाएगें।
फिर अपने मतलब के लिए आपको जिंदा कर ,
सारी वाहवाही खुद ले जायेंगे।
आपकी आंखों के सामने ऐसे किरदार
अपनी बातों से बिना काम किए ।
घर हो या बाहर मज़े से खायेंगे।
और आप उनके जादू के तिलिस्म पर,
तिलमिलाते रह जायेंगे।