महाचक्रवात-अम्फान
महाचक्रवात-अम्फान
अखिल विश्व में है मचा, कोविड-19 का प्रकोप महान,
नई मुश्किलें लेकर है आ गया, "महाचक्रवात अम्फान"।
हर मुश्किल चुनौती से जूझने को, तैयार हैं सपूत महान,
दुश्मन करेंगे परास्त सभी, वे हों चाहे कितने ही बलवान।
इक्कीस वर्षों के बाद है आया, पूर्वी तट पर ऐसा तूफान,
बाईस मई सन् बीस की अमावस्या, होगा अति तेज उफान ।
इस अवधि में होने होते हैं, इक सीध में धरा रवि और चन्द्र,
उच्च ज्वार के प्रभाव में, भयंकर लहरों से उठता उफन समुद्र।
हवा गर्म हो उठने से वायु क्षेत्र के मध्य में,
उत्पन्न हो जाता है अति कम ही तब दाब।
करने दाब समान किनारों से बड़ी तेज़ी से,
सर्पिलाकार के रूप में चलने लगती है वायु ।
चक्रित वायु उत्तरी गोलार्ध में घूमे, घड़ी सुइयों के विपरीत,
और होती ये दिशा अनुरूप, दक्षिण गोल में हो जाती है मीत।
अंतर ज्यों-ज्यों बढ़ता दाब में, त्यों-त्यों तीव्र होता है तूफान,
तीव्र वृष्टि और वायु प्रवाह संग, होता है अति ही नुकसान।
उड़ीसा और पश्चिमी बंगाल के संग, बांग्लादेश में होगा बुरा प्रभाव,
इकतालीस टीमें आपदा मोचन बल की, तैयार हैं देने उचित जवाब।
बीस मई की शाम तक बंगाल में, दस्तक दे चुका है चक्रवात अम्फान,
तटरक्षक बल नेवी एअर फोर्स संग, तैयार हैं ताकि न्यूनतम हो नुकसान।