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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Fantasy

4  

Shayra dr. Zeenat ahsaan

Fantasy

चिराग

चिराग

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Prompt- 5

हर तरफ रोने की आवाज

कराहों की लहर

प्रकृति की विकराल हंसी

हर तरफ दर्द, पीड़ा की थरथराहट

कोई सुनने वाला नहीं

और सुने भी तो क्या ?


कहीं कोई घबरा रहा है

कहीं कोई लड़ रहा है एक-एक सांस के लिए

कहीं कोई बेचैन है अचेतन

बुदबुदाते हुए

कहीं कोई मर गया है अधूरे सपने लिए

हर तरफ लाशों के ढेर,मातम

कहीं आत्मा का पिंजर फड़फड़ा रहा है

सोचने की शक्ति खत्म हो गई है

बस माथे पर सिलवटें हैं

कुछ कहने की नाकाम कोशिश

पर पास में कोई नहीं है


बस है सन्नाटा,

अकेलापन और एक अंधियारी गली

भयानक सनसनी

सांसें डूबती सी लग रही है

तभी एक आवाज इनकी स्कैनिंग करनी होगी

कोई छाती को दबा रहा है

सांसे धीमी हो रही हैं

दिमाग सुन्न हो रहा है

दिल डूबता जा रहा है


सारे पिछले चित्र एक-एक कर

नजरों के सामने आ रहे हैं

वो गांव, वो पनघट, वो पीपल,नदियां

आम का पेड़, कल्लू कबाड़ी और आले पर चिराग

सब कहते थे कल्लू को अल्लादीन का चिराग मिल गया

करामाती, जादुई चमकदार

अचानक धडकनें फिर चल पड़ीं


आंखों में चमक लौटाई

दिमाग गतिमान हो गया

आवाज आई स्कैनिंग हो गई

मैंने आंख खोलकर देखा

मैं अस्पताल में हूं अच्छा !

मुझे जाना होगा गांव

जल्दी ठीक होकर

लाने अलादीन का चिराग

ताकी मैं जिन्न को कह सकूं

आजाद कर दे इस दुनियां को इस कोरोना से

हम भी तुझे तेरे चराग से आजाद कर देंगे।


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