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Suresh Sachan Patel

Tragedy Inspirational

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Suresh Sachan Patel

Tragedy Inspirational

चिकित्सा सेवा कर्मी

चिकित्सा सेवा कर्मी

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दुख की इस घड़ी में, दिन रात जो लगा है।

यहाॅ॑ न है कोई सपना, न ही कोई सगा है।

सेवा ही एक भक्ति, है काम सबके आना।

उद्देश्य एक सबका, है जान को बचाना।


 खाने का न समय है, न सोने का समय है।

 सेवा को हैं समर्पित, बस यही एक लय है।

 हम सुनते हैं सब की पीड़ा, कष्ट दूर करते।

 फिर भी हैं लोग कुछ, हम पर कटाक्ष करते।


कितना भी दुख हो दिल में, हम हॅ॑स के बात करते।

हो जाएॅ॑ स्वस्थ लोग सब, प्रभु से दुआ यही है करते।

दिन रात हम हैं तत्पर्य, मरीजों की सेवा खातिर।

इंसान हम भी तो हैं, घर बार अपना भी है आखिर।


फुरसत नहीं एक पल की, आराम भी नहीं हैं।

रहती है चिंता सबकी, कोई परेशान तो नहीं है।

बिमुख कर्तव्य से न होंगे, कितना भी कष्ट आए।

सहते हैं हम सब कुछ, कितना भी तूफान आए।


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