छतरी माँ की
छतरी माँ की
सुख की बरसात हो
या दुख की धूप हो
रहे हमेशा साथ
छतरी माँ की।
कभी सीख बन कर
कभी समझा कर
हर राह की
मुश्किल घटाए
छतरी माँ की।
कभी प्यार से
कभी दुलार से
डांट डपट भी
कभी बचाती
छतरी माँ की।
कभी बलाएँ
कभी मुस्कुराहटें
कभी प्यारी बोली
मन को हर्षाती सी
छतरी माँ की
गम को किनारा करती
विषाद भय को
बाहर कर देती
अंधकार को सदा मिटाती
छतरी माँ की।
