छोड़ी के न जाईं हमनी के रघुराई
छोड़ी के न जाईं हमनी के रघुराई
छोड़ी के न जाईं हमनी के रघुराई
ले लीं साथे न त देहम जनवा गवाईं
हिचक हिचक रोवे बाबु दशरथ जी
लोरवा से भईलीं लथपथ जी
छाती पीटी पीटी रोवे दूनो महतारी
छोड़ी के न जाई हमनी के रघुराई।।
अचके में लेई ले ला कईसन शपथ जी
चुन ले ला वनवा के पथ जी
रथवा के रोकीं दिहीं बचन झुठाई
छोड़ी के न जाई हमनी के रघुराई।।
कईसे खोंच लागल निमन अचरा के कोर से
कि डूबले अवध पूरा लोर से
रऊरे बिना हमनी के के हंसाई
रऊरे बिना हमनी के के खेलाई
छोड़ी के न जाई हमनी के रघुराई।।