चायवाला इश्क
चायवाला इश्क
एक साल हो गए इस नए घर में आए हुए
बड़ा खूबसूरत यहां का नजारा है
यूं बालकनी में अक्सर बैठ जाती हूं
ये दिल तो चाय का आवारा है
उड़ते हुए पंछियों को देखना और
पास फाटक से ट्रेन के आवाज आती है
आंख बंद करो तो लगता हैं कि
कानों में हवाएं कुछ कहती हैं
यूं गाना गुनगुना रही थी तो देखा कि
सामने की खिड़की में नया नजारा है
एक नौजवान का चेहरा दिखा और
लगा वो भी कोई दिल आवारा है
बड़ा मस्त मौला सा होकर
किसी गाने पर झूम रहा था
आंख बंद करके बाहों में किसी
अदृश्य सी प्रेमिका को चूम रहा था
फिर आंखेंचार हुई उसकी मुझसे
और उसकी खिड़की बंद हो गई
याद रखने लायक बात तो थीं नहीं
ये बात तो आपबीती सी हो गई
कई दिनों बाद जब फुर्सत मिली तो
मैं यहां वहां नजरें फेर रहीं थीं
एहसास हुआ कि उसकी नजर
सिर्फ बेचैनी से मुझे ही देख रही थी
इशारों इशारों बताया उसने कि
उसे इतने दिनों से इंतजार मेरा था
मैं तो नहीं आया करतीं थीं यहां पर
उसका एक खिड़की पर डेरा था
अब रोज आंखें चार होती है हमारी
दोनों अपनी अपनी चाय का मजा लेते हैं
आज उसने पूछ लिया कि चलो कहीं
बाहर चल कर एक ही कप में चाय पीते हैं।