चार दिन की जिन्दगी
चार दिन की जिन्दगी
चार दिन की जिन्दगी मिली है,
इसे यूं ही व्यर्थ में मत बर्बाद करें।
ये चार दिन भी चमत्कारिक होते हैं।
कुछ कर दिखाइए ऐसा की आने वाली
चार सदी आपकी कृत्यों से प्रेरित हो,
आपके प्रयासों का अनुसरण करे।
ये चार दिन समय की नेमत है,
इसकी कीमत पहचानिए।
जिन्दगी यूं ही किसी ऐरे- गैरे और
नाकाबिल लोगों के लिए मत जीते चले जाइए।
ये जिन्दगी किसी ऐसे इंसान के लिए निवेशित करें
जो आपकी जिन्दगी का मूल्य समझता हो,
जो आपके सुख में आनंद का भागीदार बने,
और आपकी दुख का साझेदार।
जो आपके जिस्म से ही नहीं रूह से प्यार करता हो,
जो आपकी पीड़ा को अपना समझकर उसे जीता हो,
जो अपनी आँखों से तेरी आँखों का आँसू निकाल सकता है !
बिन कहे ही आपकी हर बात पहचान सकता है !
गर ऐसा इंसान आपकी जिन्दगी में है,
तो ये फितरत है आपकी वरना ऐसा इंसान सबको नहीं मिलता।
जिन्दगी में उसकी मुस्कान अपनी मुस्कान देकर बनाए रखिए।
जिन्दगी के ये चार दिन भी सुकून और चैन में बीतेगी ।