बूंदें....
बूंदें....
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बूंदें ,
अक्सर अनसुनी कर देती हैं , बादलों की फरियाद
मौन फिर भी बता देती हैं ,अंतर्मन की हर एक बात ,
नासमझ सी , बिखर जाती हैं ,हर रिश्ते के साथ
बूंदें ,
मेरे साथ रहती हैं , हर रोज , तुम्हारे जाने के बाद
ज़िन्हे तुम छोड़ गए थे ,मेरे लिए, मेरे पास
बूंदें ...कुछ गीली सी...
#अमित