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Amit Srivastava

Inspirational

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Amit Srivastava

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चलो फिर से ऐसा देश बनाते हैँ

चलो फिर से ऐसा देश बनाते हैँ

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चलो फिर से ऐसा देश बनाते हैं

जहां रंग चेहरों के जुदा हों ,

मगर उनमें ख्वाब एक से रहते होँ 

जहां दीवारें तो कई हो मगर 

हर घर में खिड़कियां खुलती हों ,

जहां नदियों के पानी में 

फिर कोई भेद न कर दे मिट्टी का ..

घर से किसी के आयें मगर ,

खुशबू एक ही हो रोटी की

चलो एक ऐसा देश बनाते हैं 

जहाँ कितने भी रंग मिल जाए ,

मगर बस तीन ही रंग हो धाती का ...

चलो फिर से ये देश बनाते हैं ..

चलो ...अपना भारत फिर से बनाते हैं .


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