ख्वाब ...
ख्वाब ...
नींदें मेरी कम है मगर , ख्वाब बहुत है
जिंदगी तेरे साथ मेरे हिसाब बहुत है ,
अंधेरों में गुजरी है मेरी रातें मगर
मेरी आँखों में अब भी ,महताब बहुत है...
अभी तिनके ही समेटे हैं , मैने जेबों में अपनी ,
मेरे हौसलों में अब भी , परवाज बहुत है
नींदें मेरी कम है मगर , ख्वाब बहुत है
जिंदगी तेरे साथ मेरे हिसाब बहुत है।
