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उसे पता है, ऊंचाइयां सदैव स्थिर नहीं रहती। उसे पता है, ऊंचाइयां सदैव स्थिर नहीं रहती।
बस, किसी सुनहरे बुकमार्क की तरह..... बस, किसी सुनहरे बुकमार्क की तरह.....
रेत, वक्त या ...तुम रेत, वक्त या ...तुम
नींदें मेरी कम है मगर , ख्वाब बहुत है जिंदगी तेरे साथ मेरे हिसाब बहुत है। नींदें मेरी कम है मगर , ख्वाब बहुत है जिंदगी तेरे साथ मेरे हिसाब बहुत है।
पर्वत कितने भी करीब हो जाए क्षितिज के, वो बस लौट आता है। पर्वत कितने भी करीब हो जाए क्षितिज के, वो बस लौट आता है।
एक रोज तुम्हारे कांधे पे रखके मैं शाम ,कोई अपनी भूल गया .. एक रोज तुम्हारे कांधे पे रखके मैं शाम ,कोई अपनी भूल गया ..
तुम हिसाब करते रहे , मुझसे अलग होने के बाद। तुम हिसाब करते रहे , मुझसे अलग होने के बाद।
तुम कौन हो , जो मुझे वापस ज़िन्दगी की तरफ खींच रही हो। तुम कौन हो , जो मुझे वापस ज़िन्दगी की तरफ खींच रही हो।
तुम्हारे साथ गुजारा एक पूरा दिन अब भी रखा है। तुम्हारे साथ गुजारा एक पूरा दिन अब भी रखा है।
बूंदें, नासमझ होती हैं, बिखर जाती हैं, हर रिश्ते के साथ बूंदें, नासमझ होती हैं, बिखर जाती हैं, हर रिश्ते के साथ