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Ajit Kumar Raut

Tragedy Inspirational

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Ajit Kumar Raut

Tragedy Inspirational

बुजुर्गों की हो सम्मान

बुजुर्गों की हो सम्मान

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सम्मान हो बुजुर्गों की धर्म है हमारे

   गढ़ते हैं नये पीढ़ी दादा दादी हमारे,

अपने अनुभव से सिखाते बच्चे हमारे

   बनाते हैं बच्चों को कर्तव्य निष्ठ हमारे।१।


संयुक्त परिवार मिट रहे देश में हमारे

   पत्नी पति बच्चों अब परिवार हमारे,

कार्य क्षेत्रों में कार्यरत पति पत्नी सारे

   बुजुर्गों भेजा रहे हैं वृद्धाश्रम सारे।२।


नये युग में नये नीति पसार रही हमारे

    कर्तव्य भुलाये जा रहे हैं आज के प्यारे

भूल रहे बच्चों मनुष्य के कर्तव्य सारे

    अनुभव सिखानेवाला वृद्धाश्रमों सारे।३।


धर्म है सनातन हमारे कर्तव्य भी हमारे

   घरों में रखना हिन्दू पवित्र धर्म हमारे,

बुजुर्गों सेवा करना परम कर्तव्य हमारे

   तभी तो आदर्श अनुभवी होंगे बच्चे हमारे।४।


सुनाते काहानी बुजुर्गों बच्चों के हितों के सारे

   अकेलापन दूर करते हैं बच्चों को हमारे,

खेलते बुजुर्गों बच्चों के साथ अति खुशी धरे

    बताते इतिहास देश वीर सपूतों के बारे।५।


कर्तव्य हम हिन्दुस्तानियों के सारे,

   बुजुर्गों हैं हमारे भक्ति सम्मान के सारे,

उनके भक्ति सेवा प्रेम कर्तव्य हमारे,

   वृद्धाश्रम में कभी उन्हें न भेजो प्यारे।६।


घर में ही रहें नाना नानी एक साथ हमारे

   सेवा भाव हो सम्मान हो रहे घर में सारे

नये भारत के सपने पूरा करेंगे हम सारे

   बुजुर्गों को भक्ति आदर करेंगे हम सारे।७।


आत्मनिर्भर भारत बनायेंगे हम सारे

   आत्मविश्वास नित्य जगायेंगे हम सारे,

सनातन संस्कृति को बचायेंगे हम सारे

    बुजुर्गों को अपने घरों में रखेंगे हम सारे।८।


प्रभु आराधना प्रभु भक्ति कर्तव्य हमारे

    विश्व गुरु सपने साकार करेंगे हम सारे,

बच्चों के उज्ज्वल भविष्य देखेंगे सारे

    बुजुर्गों को उचित सम्मान करेंगे हम सारे।९।


कृष्ण राम जगन्नाथ भूमि भारत हमारे

    बुजुर्गों की सेवा करना सनातन धर्म हमारे,

आइए सदा मिलकर आगे बढ़ते जाना रे

     मातृभूमि की गौरव को आगे बढ़ाते रहना रे।१०।



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