बसंत की तरुणाई
बसंत की तरुणाई
बसंत पंचमी आई है,
फूल कलियाँ मुस्कुराई हैं ।
बहुत सुहाना मौसम है,
मदमस्त पवन खिलखिलाई है ।
मस्ती से भरा ये पल है,
चारों ओर मस्ती छाई है।
टेसू पलाश के दिन आए हैं ,
इस मौसम से सबको आशनाई है।
बड़ा नयनाभिराम दृश्य है ये,
कलियां महक रही अमराई है ।
कोयलें कुंज रही मधुबन में,
चढ़ रही फाग की तरुणाई है!