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Kumar Gaurav Vimal

Abstract Drama Fantasy

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Kumar Gaurav Vimal

Abstract Drama Fantasy

ए किस्मत मेरे....

ए किस्मत मेरे....

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ए किस्मत मेरे करम कर दे,

कुछ मुझपर भी रहम कर दे...

देखता हूँ जो ख्वाबों में,

सच वो सारे भरम कर दे...


कुछ सच्चे है कुछ झूठे हैं,

ये ख्वाब तो पल में टूटे हैं...

जोड़ कर इन्हें खुद से,

कुछ दर्द मेरे भी कम कर दे...

ए किस्मत मेरे करम कर दे,

कुछ मुझपर भी रहम कर दे...


रहता नहीं जब कोई साथ मेरे,

कांपते है सर्द में हाथ मेरे...

थामकर मेरा हाथ कभी,

इन हाथों को नरम कर दे...

ए किस्मत मेरे करम कर दे,

कुछ मुझपर भी रहम कर दे...


आंखें उठाते हैं जो सपनों पर,

अब क्या तंज लिखूं अपनों पर...

आंखों से उनकी आंखें मिलाकर,

बस आंखों में उनकी शरम भर दे...

ए किस्मत मेरे करम कर दे,

कुछ मुझपर भी रहम कर दे...


जो साथ नहीं वो साथ रहे,

जो साथ है वो आबाद रहे...

देकर प्यार सबका मुझे,

धन्य मेरा ये जनम कर दे...

ए किस्मत मेरे करम कर दे,

कुछ मुझपर भी रहम कर दे...


देखता हूं जो ख्वाबों में,

सच वो सारे भरम कर दे...

ए किस्मत मेरे करम कर दे,

कुछ मुझपर भी रहम कर दे...


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