बस इतना
बस इतना
मैं कहूं या चुप रहूं
तू कैसे मुझे जान जाए
सोचती हूं मैं आजकल
तू क्यों है मुझको भुलाए
बस एक बार तो बता जा
बस एक बार ही बता जा।
बस एक...
उसी दिन मिला था मुझे तू
बता ही ना पाए तुुझे हम
चाहा बहुत था जताना
लब ये गए थे मेरे थम।
बस जरा सा था वो पल
जो शायद मिले न दोबारा
बस एक बार तो बता जा
बस एक बार ही बता जा
बस इक ....
मैं रहूं या ना रहूं तुम मुझमें कही बाकी रहना