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Pathik Tank

Drama Inspirational

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Pathik Tank

Drama Inspirational

बल

बल

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है ख्वाहिशें, फरमाइशें

जो पूरी हो न पाई है


फरियाद की है लंबी सूची

याद है फकत खुद की रूचि


बिन मतलब के कुछ काम कर

दिलों पे तू अब राज कर


है नियत तेरी खोट सी

चुभती तुझको चोट सी


देख ज़रा तेरा आईना

पास तेरे कोई आये ना


क्या फ़ायदा तेरे आने का

दूषण नफरत फ़ैलाने का


न बोली से अपराध कर

न बोली से तिरस्कार कर


करना ही हो कुछ काम तो

गरीब की इबादत बन


मज़बूर की ताकत तू बन

मज़दूर की बरकत तू बन


है भीम सा सीना तेरा

कौरव का जो तू साथ दे


है अंगद सा पैर तेरा

फिर मंथरा से तू क्यों डरे


है कृष्ण की दरकार अगर

बन मीरा छोड़ मोह का असर


अर्जुन सा जो महाज्ञान हो

तो गांडीव सा सम्मान हो


हो युद्ध में षड़यंत्र जो

तो मिलके तू पंचतंत्र से


तू ध्वंस कर हर चाल को

विध्वंस कर हर वार को


हो आग की लपेट में तू

तो लहरों का समंदर बन


है साँस जब तक सीने में

बन के ज्वाला तू निखर


हो न तुझ में साँस अगर

तो आँधी बनके तू बिखर।।


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