सरहद
सरहद
सुना है सरहद पर कुछ तनाव है
आवाम के पास कुछ सुझाव है
युगों से जलती आग है
पाक को करना राख़ है
फ़ेसबुकिया सैनिक तैयार है
बेतुकिया बातें भरमार है
राष्ट्र प्रेम तो अपरंपार है
रिश्वत की पुरानी परंपरा है
अफ़वाहों का फैला जंजाल है
अख़बारों का मानो त्योहार है
ट्रैफिक के नियम तोड़ चुके है
जंग का एलान कर चुके है
मोटर साइकिल की ब्रेक नहीं है
इन्हें राफेल डील की चिंता हुई है
शहीदों का बदला लेना है
रेलवे टी सी को घुस देना है
देश भक्ति बातों में रहीं है
जनता को संयम नहीं है