STORYMIRROR

Pathik Tank

Others

3  

Pathik Tank

Others

आज की पीढ़ी

आज की पीढ़ी

2 mins
307

अख़बार के पन्नों से पहले टिंडर खुलता है

आज की पीढ़ी की कठनाई बयाँ करता है


टकटकी लगाए अनजाने चहरों को ढूंढता है

खूबसूरती में उसकी वो ग़ालिब बन जाता है


उम्मीद की कश्ती वक़्त की चिंगारी पे जल रही है

डिजिटल पन्नों में अपनों की खोज चल रही है


इंस्टाग्राम पे सैकड़ो फॉलोवर्स की सूची लगी है

दिल में अकेलेपन के खिलाफ जंग छिड़ी है


सभी खुद को फ्रैंक और ओपन कहते है

इनबॉक्स में कभी कभी जात पूछ लेते है


कम्फर्ट ज़ोन से बाहर किसी को नहीं आना होता है

"लाइफ इस बोरींग" कहके हर रोज़ का रोना होता है


इंसानियत और राष्ट्रप्रेम केवल ऍफ़ बी पे दिखता है

हर चौराहे, हर मोहल्ले इनका ईमान बिकता है


सलाहें दुनिया भर की दे देते है

सुबह बिना अलार्म के उठा नहीं जाता है


बड़ी निडरता से स्टेटस अपडेट किए जाते है

अपराध के विरोध में आवाज़ नहीं निकाल पाते है


बेरोज़गारी पे बखूबी डिबेट कर लेते है

अपनी शिक्षा पे भरोसा तक नहीं रख पाते है


लोग डिग्रिया सारी हासिल कर लेते है

बुद्धिमत्ता के चंद छींटे भी नहीं छू पाते है


शोहरत की होड़ में इस कदर दीवाने हुए है

मोहब्बत की आग को सुकून समझ लेते है



Rate this content
Log in