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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

बिरहा के आंसू

बिरहा के आंसू

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सूना पड़ा है जीवन मेरा,

सनम अब आ जाना,

मौसम आई है प्यार की सुहानी,

महफ़िल सज़ा जाना।


बाट देख रह हूँ सदियों से तुम्हारी,

अब मुझे न तड़पाना,

छोड़कर आ जाओ पास मेरे,

दिल में समा जाना।


तरस रहा हूँ तुम्हारे प्यार में,

अब मुझे न तरसाना,

क्यूं सताती हो सपनों में आकर,

मिलन अब कर जाना।


प्यार का मल्हार बरस रहा है,

आग दिल की बूझा जाना,

घायल बना हूँ प्यार में तुम्हारे,

इलाज मेरा कर जाना।


बिरहा के आंसू बहा रहा हु,

अब मुझे तुम न सताना,

बसंत प्यार की महका दो "मुरली",

पतझड़ मेरी दूर कर जाना।



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