कुछ कुछ हो जाता हैं
कुछ कुछ हो जाता हैं
कातिल नज़र है तेरे नैनों की, जो मुझे घायल बनाती हैं
अगर तुझ से नज़र मिले तो इश्क की भाषा समझाती है।
अति नाजुक दिल हैं तेरा, जो दिल की धड़कन बढ़ाता हैं,
अगर तेरे दिल से ताल मिले तो मेरे रोम रोम लहराता हैं।
रसीले गुलाबी होंठ हैं तेरे, जो मधुर अल्फाज़ सरकाते है,
अगर मैं अल्फाज़ सुन लूं तो इश्क की गज़ल बन जाती है।
तू सुंदरता की देवी हैं जो मुझे रोज ख्वाबों में सताती है,
अगर ख्वाबों में मिलन हो जाये तो मुझे पीछे दौडाती है।
चांद जैसी लगती है और मुझे हरपल इंतजार कराती हैं,
"मुरली" तू आ जाये तो इश्क का आसमान खुल जाता हैं।